सपनों का बगीचा | Hindi Story - Hindi Story For Kids

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सपनों का बागीचा 

बहुत सा पहले की बात है एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम समीर था समीर का सपना था कि वह बहुत बड़ा आदमी बने लेकिन उसकी समस्याएं बहुत थी वह बहुत ज्यादा गरीब था |

जिसका नाम वीर था

उसके पास अधिक साधन नहीं थे समीर का एक अच्छा मित्र था जिसका नाम वीर था वीर के पास बहुत सारा धन था और सुविधा थी लेकिन उसकेपास एक चीज की कमी थी सपना उसके पास कोई भी ऐसा बड़ा सपना नहीं था वह हमेशा दिन रात सिर्फ धन और बौद्धिक सुखों के बारे में ही सोचता रहता था लेकिन कभी उसे यह नहीं समझ में आया कि उसका असली जीवन का उद्देश्य क्या है |

पुराने वृक्ष के नीचे समीर और वीर दोनों 

एक दिन गांव में पुराने वृक्ष के नीचे समीर और वीर दोनों दोस्त बैठे थे समीर ने वीर से कहा मैं एक दिन अपने सपनों का बगीचा बनाऊंगा जहां पर हर प्रकार के फूल खिले होंगे उन्हें फूलों को देखभाल करूंगा और अपने सपनों को सच करूंगा वीर जो उसका दोस्त था हंसते हुए बोला सपनों का बगीचा तुम्हारे पास तो कुछ भी नहीं है तुम कैसे करोगे समीर मुस्कुराया और बोला सपना पैसे से नहीं दिल से सजाए जाते हैं मैं मेहनत करूंगा और एक दिन मेरा बगीचा सच होगा समीर ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से काम करना शुरू कर दिया वह प्रतिदिन अपनी छोटी सी जमीन पर पौधे लगता और ध्यान रखना और समय-समय पर गांव के बच्चों को पढ़ता भी था और धीरे-धीरेउसकी मेहनत रंग लाई और फिर वह बगीचे में हर प्रकार के फूल लगने लगा |


और उसके बगीचे में फूल खिलने लगे वीर जो उसका दोस्त था यह देखकर समीर का बगीचा सचमुच बढ़ रहा है अब वह समझ चुका था कि केवल धन और भौतिक चीजों से ही जीवन का उद्देश्य नहीं होता है समीर ने एक दिन पूछा तुमने यह सब कैसे किया समीर ने हंसते हुए कहा मैंने कभी भी सिर्फ धन के लक्ष्य नहीं बनाया मेरा सपना मेरे दिल में था और मैंने उन्हें अपने कर्मों का सहारा लिया समीर का बगीचा केवल फूल ही नहीं बल्कि वहां समीर का एक प्रतीक भी बन गया था वह विश्वास का एक सपना मेहनत सच्चाई और प्रेम सच्चा होते हैं वीर ने भी अपने जीवन में समीर से सीख हासिल की की असल सफलता बाहरी चीजों में नहीं बल्कि अपने भीतर की दुनिया उसे साकार करने में होती है समीर और वीर दोनों जीवन में सफल हुए लेकिन अब यह जानते थे की असली सफलता सिर्फ धन में नहीं बल्कि अपने सपनों को साकार करने में होती है और समीर का वह बगीचा जहां फूल का रंग बिरंगा संसार था अब गांव के लोगों के लिए प्रेरित का स्रोत बन गया |

निर्देश 

सपना अगर सच्चे हो और मेहनत ईमानदारी की हो तो हम किसी भी चीज को हासिल कर सकते हैं हमें सिर्फ धैर्य और ईमानदारी और मेहनत को स्वीकार करना होता है

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