Garib Ladki Ki Kahani !
यह कहानी एक छोटे से गांव में नामी नाम की एक लड़की थी नामी एक गरीब परिवार में रहती थी लेकिन उसकी आंखों में अजीब सी चमक थी उसकी मां खेतों में काम करती थी और उसके पिता गांव के स्कूल में चौकीदार थे उसने जीवन मैं बहुत सारी कठिनाइयां झेली लेकिन नामी ने कभी भी हार नहीं मानी नमी को स्कूल पढ़ाई लिखाई का बहुत ज्यादा शौक था |
वह दिन भर मेहनत करती और फिर शाम को गांव के छोटे से स्कूल में पढ़ाई के लिए जाती थी लेकिन उसकी स्थिति अच्छी नहीं थी उसकी आर्थिक कमजोरी के कारण वह किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे फिर वह पुराने कागज में लिखकर पढ़ाई करती थी |
एक दिन गांव में एक बहुत बड़ा मेला लगा जिसमें शिक्षक पर एक प्रतियोगिता रखी गई नामी ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया लेकिन उसके पास नए कपड़े नहीं थे ना ही अच्छे जूते थे वह पुराने कपड़े पहनकर उसे प्रतियोगिता में भाग लिया लेकिन उसकी मेहनत और ज्ञान ने सभी को चौंका दिया नामी ने प्रतियोगिता जीती और अपने नाम को दूर-दूर तक फैला दिया जब यह प्रतियोगिता को उसके माता-पिता ने सुन तो वह बहुत ही ज्यादा गौरव करने लगे |
यही सफलता नमी के लिए केवल एक इनाम नहीं थी बल्कि यह उसके संघर्ष और बहुत कड़ी मेहनत का परिणाम भी था बहुत समय बाद एक समाज सेवा संस्था ने उसकी पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया और उसे एक छात्रवृत्ति नामी ने कॉलेज में दाखिला लिया और शिक्षा क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली |
नमी की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर किसी के अंदर मेहनत और लगन हो तो वह गरीब हो या अमीर हो वह किसी परिस्थिति में अपनी मयान को बनाए रख सकता है और अपने सपनों को पूरा कर सकता है वही एक इंसान के लिए आत्मविश्वास और समर्पण सबसे जरूरी चीज होती है |
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