चालाक लोमड़ी और शेर की कहानी | Chalak Lomdi aur Sher ki Kahani
बहुत समय पहले की बात है एक घने जंगल में एक लोमड़ी और एक शेर रहता था शेर जंगल का राजा था और सभी जानवर उससे डरते थे लोमड़ी बहुत ज्यादा चालाक था और समझदार भी था लेकिन वह शेर से डरता था |
एक दिन शेर ने लोमड़ी को पकड़ लिया और कहा तुम बहुत दिन से जंगल में मेरे सामने आए हो अब मुझे तुम्हें खाना पड़ेगा क्योंकि मैं बहुत भूखा हूं लोमड़ी बहुत ज्यादा घबरा गया लेकिन उसने सोचा एक और चला चली जाए |
लोमड़ी ने बड़ी चतुराई से शेर से कहा कि तुम मेरे साथ खाने का समय तो तय कर लो लेकिन मैं तुमसे एक सवाल पूछना चाहता हूं शेर सच में पड़ गया यह तो चालाक है लेकिन कुछ पूछने से क्या फर्क पड़ता है और उसने अनुमति दे दी |
लोमड़ी ने बड़ी चालाकी के साथ शहर से पूछा कि क्या तुम जानते हो कि जंगल का सबसे ताकतवर और महान जानवर कौन है तब शेर थोड़ी सोच में पड़ गया और फिर कहां की मैं शेर हूं और मैं जंगल का राजा हूं |
लोमड़ी ने हंसते हुए बोला तुम गलत हो तुम्हें नहीं पता की सबसे ताकतवर जानवर कौन है मुझे तो किसी ने बताया है कि जंगल का एक और राजा है जो वह तुमसे भी ज्यादा ताकतवर और महान है तब शेर ने पूछ कि वह कौन है लोमड़ी ने मुस्कुराते हुए कहा वह एक विशाल हाथी है जो किसी से नहीं डरता वह तुमसे भी अधिक ताकतवर और शक्तिशाली है |
शेर ने सोचा कि लोमड़ी सही कह रही होगी और वह हाथी से डरने लगा और लोमड़ी ने शेर को कहा यह विश्वास दिलाया कि हाथी शेर से कहीं ज्यादा ताकतवर है और अब शेर डर के मारे जंगल में ही नहीं आया लोमड़ी ने अपनी चालाकी से अपनी जान बचाई और शेर को बेवकूफ बना दिया वह यह समझ गया कि कभी-कभी अपनी समझदारी से हम मुश्किल हालातो से बाहर निकाल सकते हैं |
निष्कर्ष :- इस कहानी से हम यह सीख मिलती है कि कभी-कभी हमारी समझदारी हमें बड़ी से बड़ी मुश्किलों से भी बचा सकती है
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