hindi kahani
यह कहानी एक छोटे से गाँव के एक बच्चे की है जिसका नाम सोनू था। सोनू बहुत गरीब था लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा था। गाँव में एक बूढ़ी महिला रहती थी जिसका नाम तुलसी बुआ था। वह बहुत ही अकेली और बीमार थी और लोगों से अक्सर मदद की उम्मीद करती थी। लेकिन गाँव के लोग हमेशा व्यस्त रहते थे और किसी ने कभी उसकी मदद नहीं की।
एक दिन सोनू खेलते-खेलते तुलसी बुआ के पास पहुंचा और देखा कि वह बहुत कमजोर और बीमार लग रही हैं। सोनू ने उनसे पूछा "बुआ आप ठीक तो हैं |
तुलसी बुआ ने हंसते हुए कहा "बिलकुल बेटा बस कुछ आराम चाहिए। लेकिन सोनू को उनकी आँखों में चिंता दिखी।
सोनू घर गया और अपनी माँ से एक गर्म कपड़े और दवाइयाँ लेकर आया। उसने तुलसी बुआ के पास जाकर कहा बुआ ये दवाइयाँ लीजिए और यह कपड़ा ओढ़ लीजिए। आपको आराम मिलेगा।
तुलसी बुआ ने चौंकते हुए कहा "तुम छोटे हो फिर भी मेरी मदद कर रहे हो?
सोनू हंसते हुए बोला "मैं भी कभी बूढ़ा हो जाऊंगा और तब मुझे भी लोगों की मदद की जरूरत होगी। इसलिए आज मैंने आपकी मदद की।
तुलसी बुआ ने गहरी आशीर्वाद दी और उसकी आँखों में आंसू थे। अगले कुछ दिनों में तुलसी बुआ को अच्छा महसूस हुआ और उन्होंने सोनू को बहुत प्यार से धन्यवाद कहा।
गाँव में यह खबर फैल गई कि एक छोटे से बच्चे ने अपनी दया और मदद से एक बूढ़ी महिला का जीवन बदल दिया। इस छोटे से कार्य ने सभी को यह सिखाया कि भले ही हम छोटे होंलेकिन हमारी मदद किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है।
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