चाँद की कहानी | Chandni aur Chand Story in Hindi

Chand Or Chandani Ki Kahani


Chand Or Chandani Ki Kahani


बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़की रहती थी जिसका नाम चाँदनी था। चाँदनी का नाम उसकी सुंदरता के कारण रखा गया था, क्योंकि उसका चेहरा चाँद की तरह चमकता था और उसकी आँखों में चाँद की शांति थी। लेकिन चाँदनी का मन बड़ा उदास रहता था। उसकी ख़ुशी का कारण सिर्फ एक चीज़ थी – वह रात को आकाश में चमकते चाँद को देखती और उसे लगता कि चाँद ही उसका सच्चा दोस्त है, क्योंकि वही उसे समझता था।
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गाँव के लोग कहते थे कि चाँद हमेशा अकेला रहता है और शायद यही कारण था कि चाँदनी उसे इतना पसंद करती थी। मगर चाँदनी के मन में एक और रहस्य था – उसे लगता था कि एक दिन चाँद उसे बोलकर बताएगा कि वह अकेला क्यों है चाँदनी ने यह फैसला किया कि एक दिन वह चाँद से मिलने के लिए बहुत दूर जाएगी।


एक रात चाँदनी ने अपने गाँव के सभी लोगों से यह कहकर अनुमति ली कि वह चाँद से मिलने जा रही है। जब वह पहाड़ों में चढ़ते हुए ऊपर देखा तो आकाश में चाँद ने उसे देखा। चाँदनी की आँखों में सच्ची लगन और उसकी आत्मा में एक अजीब सी चमक थी। चाँद ने उसे अपने पास बुलाया और कहा तुमने मेरे बारे में जानने की चाहत की है।"


चाँदनी ने धीरे-धीरे कहा "मैंने सुना है कि तुम अकेले रहते हो। मैं भी अकेली हूँ और मैं जानना चाहती हूँ कि तुम क्यों अकेले हो ?

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चाँद हँसते हुए बोला तुम सही कहती हो मैं अकेला हूँ। मैं अपनी चुप्प और शांति में संतुष्ट हूँ। हर रात मैं आकाश में चमकता हूँ पर मेरी चमक केवल मेरी धुंधली परछाई नहीं है बल्कि मेरी आंतरिक शांति का परिणाम है। अगर मुझे सूरज की धूप की तरह चमकने की कोशिश करनी होती तो मैं खुद को खो देता।


चाँदनी ने कुछ देर चुप रहकर उसकी बातों को समझा। फिर उसने पूछा क्या मैं भी तुम्हारी तरह अपनी असली चमक पा सकती हूँ?


चाँद ने उसकी आँखों में देखा और कहा तुम्हारी चमक पहले से ही तुम्हारे भीतर है चाँदनी। वह बाहर से नहीं आती। तुम्हें बस खुद को समझने की आवश्यकता है।


उस रात चाँदनी ने आकाश में चाँद की बातों को गहराई से महसूस किया। उसने जाना कि अकेलापन कभी भी दर्दनाक नहीं होता जब तक हम अपने आप से सच्चे रहते हैं। उसने सोचा शायद चाँद की तरह उसे भी अपनी अँधेरी रातों में खुद को समझने का समय चाहिए।

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गाँव लौटते समय चाँदनी के चेहरे पर एक नई चमक थी – वह अब जानती थी कि असली मित्र वही होते हैं जो हमें अपने भीतर की शांति और सच्चाई को समझने का रास्ता दिखाते हैं।


समाप्त।

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