दो सच्चे मित्र की कहानी
👉भाग 1. परिचय
एक गांव में दो दोस्त रहते थे जिनका नाम रामू और श्यामू था दोनों अच्छे दोस्त थे वह दोनों एक ही गांव में रहते थे रामू गरीब था जबकि श्यामू अमीर था लेकिन दोनों में एक दूसरे के प्रति सच्ची मित्र की भावना थी वह कभी एक दूसरे से नहीं लड़ते थे Link
👉भाग 2. घटना की शुरुआत
एक दिन गांव में बहुत बड़ा मेला लगा रामू और श्यामू ने निश्चय किया कि वह मेला देखने साथ में जाएंगे तभी श्यामू के पास तो पैसे थे लेकिन रामू के पास मेला में जाने के लिए पैसे नहीं थे तभी रामू थोड़ा परेशान हो गया और श्यामू भी दिलासा देते हुए कहने लगा कि तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारा खर्च दे दूंगा तुम मेरे साथ ही मेला देखने चलना हम दोनों साथ में मेला देखने चलेंगे
👉भाग 3. मेला में पहुंचाना
श्यामू और रामू मेला में आए हुए बहुत ही सारी चीजों को अच्छी और झूला में झूले मिठाइयां खाई और बहुत सारे खेल भी खेली लेकिन रामू जानता था कि वह अपने दोस्त श्यामू का एक बोझ बन रहा है
👉भाग 4. एक संकट आना
रामू चमेली में था तब मेले में अचानक एक खेल शुरू हो गया जिसका पहला पुरस्कार के रूप में बहुत सारी धनराशि दी जा रही थी तभी रामू ने सोचा अगर मैं यह खेल जीत लेता हूं तो श्यामू को पैसा नहीं देना पड़ेगा और वह अपने से पैसा दे देगा लेकिन वह इस खेल में भाग नहीं ले सका क्योंकि उसे लगता था कि उसके पास अनुभव नहीं है Link
👉भाग 5. श्यामू का समर्थन
श्यामू ने रामू को हिम्मत दी और कहा कि तुम खेल में भाग लो मैं तुम्हारे साथ हूं तुम जरुर जीतोगे रामू ने थोड़ा संकोच किया लेकिन फिर उसने श्यामू के कहने पर खेल में भाग ले लिया और खेल में बहुत सारी कठिनाई थी लेकिन रामू की इमानदारी से खेल और खेलता रहा
👉भाग 6. खेल में जीत
रामू की मेहनत और ईमानदारी से उसने खेल को जीत लिया और वह बहुत ही ज्यादा खुश हुआ क्योंकि उसको किसी भी धोखाधड़ी के बिना उसने इस पुरस्कार को जीता है और उसे बहुत बड़ी धनराशि मिली जिसे उसने श्यामू को धन्यवाद दिया
👉भाग 7. सच्ची मित्रता की पहचान
श्याम ने रामू से कहा कि तुमने यह पुरस्कार सच्चाई और मेहनत से जीता है और यही एक सच्चे मित्र की पहचान होती है मैं तुम्हें हर कदम पर शहर दूंगा लेकिन तुम्हारी मेहनत और सच्चाई ही तुम्हें आगे बढ़ाएगी और तुम्हें ढेर सारे पुरस्कार और कई सारी कठिनाइयों का भी सामना करने की हिम्मत देगी
निष्कर्ष ;-
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि सच्चे मित्र वही होते हैं जो कठिन समय में भी साथ खड़े रहते हैं इसके अलावा हमें किसी भी अपने आत्मा सामान और ईमानदारी को नहींप्रश्न छोड़ना चाहिए क्योंकि यही हमें सच्चाई और सफलता के रास्ते पर ले जाते हैं सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में भी सहारा देते हैं और सच्चाई और मेहनत में भी हमें जीवन में सफलता दिलाते हैं और हर वक्त हमारे साथ खड़े होते हैं
Q/A
प्रश्न;-रामू का दोस्त कौन था ⁉
उत्तर;-
प्रश्न;-रामू को जीत के तौर पर क्या मिला ⁉
उत्तर;-