चालाक लोमड़ी की कहानी
बहुत समय पहले की बात है एक घना जंगल था जिसमें बहुत सारे जानवर रहते थे और इस जंगल में एक चालाक लोमड़ी भी थी और एक भोला सा बकरा भी रहता था लोमड़ी के नाम निम्मी था और अपनी चालाकी के लिए वह मशहूर था वही बकरा जिसका नाम बबलू था बहुत भला और सीधा था और किसी की भी बात पर जल्दी आ जाता था एक दिन लोमड़ी बहुत भूखी थी इसीलिए उसने कहा कि खाना नहीं मिल रहा है वह जंगल में इधर-उधर घूम रही थी तभी सोचा कि किसी तरह कुछ खाना मिले अचानक उसकी नजर बबलू पर पड़ी जो घास चल रहा था लोमड़ी ने सोचा |
यह बकरा बहुत भला भला है और इसके साथ कोई चालाकी की जाए तो आसानी से अपनी भूख मिटाई जा सकती है और अपना काम भी बन जाएगा तभी लोमड़ी ने धीरे-धीरे बबलू की ओर जाकर के कहा है बबलू तुम कितने अच्छे दिखते हो तुम्हारी खाल तो बहुत ही सुंदर है तुम्हारे शरीर में मांसपेशियां भी बहुत मजबूत हैं सोच रहा हूं कि तुम्हें जंगल में सबसे अच्छे बकरों में से एक हो बबलू ने जो अपनी तारीफ सुनकर खुशी हुई |
इसके बाद उसने लोमड़ी को धन्यवाद दिया और बबलू बोला कि लोमड़ी तुम भी बहुत ही अच्छे हो लोमड़ी ने फिर बबलू से कहा मैंने सुना है जंगल में सभी जानवरों के पास बहुत सारी अच्छी-अच्छी चीज हैं क्या तुम मेरे साथ चलोगे हम दोनों साथ में चलकर के सभी जानवरों के पास जाते हैं और उनके पास जाने के बाद अच्छी-अच्छी चीज खा पी लेते हैं बबलू ने यह विचार अच्छा लगा |
और बबलू बिना सोचे समझे लोमड़ी के साथ चल दिया लोमड़ी और बबलू एक साथ जंगल में एक हिस्से में पहुंचे जहां लोमड़ी ने पहले से ही एक गहरी खाई खुद कर रखी थी खाई के पास पहुंचते ही लोमड़ी बबलू से कहा कि एक बहुत सुंदर झरना है तुम उसे दिखाओ कर आओ मैं तुम्हारा बाहर इंतजार करता हूं तभी बबलू अंदर चला गया और अंदर जाते ही लोमड़ी ने उसे धक्का दे दिया तब बबलू नीचे जाकर गिर गया और फिर इसके बाद वह बहुत ज्यादा घायल हो गया |
फिर उसका शिकार लोमड़ी ने कर लिया और उसकी खाल को निकाल करके अपने ऊपर चढ़ा लिया फिर लोमड़ी इस ख़ान को पहनकर पूरे जंगल में घूमने लगी जिसके कारण से सभी लोग उसे एक बड़ा जानवर की तरह देखने लगे और वह सभी को शिकार करने लगा और फिर इसके बाद वह पूरे जंगल में शिकार करता और सभी को खो जाता क्योंकि सभी को लग रहा था कि वह तो एक बकरा है पर असल में वह एक लोमड़ी था जिस कारण से वह प्रत्येक छोटे जानवरों का शिकार कर लेता था और उन्हें मार कर खा लेता था
सीख :-
इसे हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी भी बात पर या सुंदरता या मीठी बातों पर कभी भी ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि उसमें चालाकी और दूसरों के फसाने की साजिश भी हो सकती है
और हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए किसी भी के बहकावे में नहीं आना चाहिए ना ही कोई निर्णय हमें जल्दी लेना चाहिए हमें हमेशा सोच समझकर ही किसी से दोस्ती रखनी चाहिए
EmoticonEmoticon