Ravan ki Kahani | रावण की रोचक गाथा

 रावण के बचपन की गाथा बहुत ही रोचक और अद्भुत है। यहां हम रावण के बचपन के प्रमुख घटनाओं को क्रमबद्ध तरीके से समझते हैं


1. रावण का जन्म:-

रावण का जन्म महर्षि विश्रवा और राक्षसी माता कैकसी के घर हुआ था। रावण का जन्म उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तर भारत) के एक राक्षस कुल में हुआ था। वह दशग्रीव के नाम से भी प्रसिद्ध हुए क्योंकि उनके दस सिर थे।


2. रावण का स्वभाव और बल:-

रावण बचपन से ही बहुत साहसी और बुद्धिमान था। वह बचपन से ही अपने बल और वीरता में अत्यधिक विश्वास करता था। छोटे होते हुए भी उसने कई युद्धों में भाग लिया और अपने शक्ति का प्रदर्शन किया।


3. रावण की तपस्या:-

रावण का बचपन एक महाकाय तपस्वी के रूप में भी देखा जाता है। एक बार उसने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। रावण को अपनी शक्ति बढ़ाने की इच्छा थी, और इसके लिए उसने कठोर तपस्या की, जिससे भगवान शिव ने उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे एक वरदान दिया।


4. रावण का शिक्षा प्राप्त करना:-

रावण ने केवल युद्ध कौशल में ही नहीं, बल्कि वेद, शास्त्र और संगीत में भी ज्ञान प्राप्त किया था। वह एक महान पंडित और संगीतज्ञ भी था। रावण ने भगवान शिव से संगीत में भी विशेषज्ञता हासिल की थी। उसका वेद और तंत्र-मंत्र में भी गहरा ज्ञान था।

Ravan ki Kahani


5. रावण का अहंकार:-

रावण का बचपन उसकी शक्ति और ज्ञान के प्रति गर्व से भरा हुआ था। वह समझता था कि उसकी शक्ति अजेय है और वह किसी से भी परास्त नहीं हो सकता। इस अहंकार ने उसे भविष्य में कई समस्याओं में डाल दिया।


6. रावण और भगवान शिव का संबंध:-

रावण ने भगवान शिव से वरदान प्राप्त करने के बाद शिवजी का परम भक्त बन गया। उसे यह वरदान मिला कि वह किसी भी देवता से नहीं पराजित होगा। रावण का यह विश्वास बढ़ा कि वह अब किसी भी स्थिति में जीत सकता है, और यही अहंकार बाद में उसकी हार का कारण बना।


7. रावण के भाई और परिवार:-

रावण के भाई विभीषण, कुम्भकर्ण और बहन शूर्पणखा भी थे। बचपन में वह अपने परिवार के साथ रहते हुए युद्धकला और शास्त्रों में पारंगत हो रहा था। कुम्भकर्ण और विभीषण भी राक्षसों के शक्तिशाली योद्धा बने।


8. रावण का महा युद्ध:-

रावण का बचपन केवल शक्ति अर्जित करने तक सीमित नहीं था, बल्कि वह हमेशा खुद को एक शक्तिशाली राजा बनाने की सोचता था। उसकी युद्ध नीति और योजनाएं बहुत चतुर होती थीं, और यह उसके बड़े होने पर उसकी कई विजय का कारण बनीं।


9. रावण का विजय और राज्य की स्थापना:-

अपने बल, बुद्धि और तपस्या के बल पर रावण ने लंका पर कब्जा किया और एक महापराक्रमी राक्षसों का सम्राट बना। यह सब उसकी बचपन से शुरू हुई शक्ति की खोज का परिणाम था।


Note:-रावण के बचपन की गाथा हमें यह सिखाती है कि बाल्यकाल में अर्जित की गई शक्ति और ज्ञान किसी व्यक्ति के भविष्य को आकार देती है। हालांकि रावण का अहंकार और अत्यधिक विश्वास उसे विनाश की ओर ले गया

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