राम की कहानी भारतीयमहाकाव्य रामायण से जुड़ी हुई है।
1.श्रीराम का बचपन
भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था। श्रीराम का बचपन बहुत ही सुखमय और आदर्श था। वह बचपन से ही अत्यंत होशियार, वीर और सत्यनिष्ठ थे। उनके जीवन के कुछ प्रमुख घटनाएँ जो उनके बचपन से जुड़ी हैं, वे इस प्रकार हैं
2.राम का आदर्श
राम का जीवन सत्य, धर्म, और न्याय का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी भी अपने धर्म से विचलित नहीं हुए। वह हमेशा आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति और आदर्श राजा रहे। राम के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।
राम की कहानी न केवल एक महाकाव्य है, बल्कि यह जीवन जीने की कला का भी मार्गदर्शन करती है।
3.राम की शिक्षा
4.श्रीराम का आदर्श चरित्र
राम का बचपन आदर्श था। वे हमेशा अपने माता-पिता के आज्ञाकारी थे, अपने दादा-दादी और गुरु के प्रति सम्मान रखते थे। वह सच बोलने और दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते थे। उनका व्यक्तित्व बच्चों और बड़े सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत था। राम का बचपन नैतिकता, सम्मान और आदर्शों से भरा हुआ था।
5.राम का सबसे प्रसिद्ध किस्सा
राम का सबसे प्रसिद्ध बचपन का किस्सा तब हुआ जब उन्होंने महर्षि विश्वामित्र के साथ जंगल में जाने का निर्णय लिया। महर्षि ने राम और उनके भाई लक्ष्मण को राक्षसों से रक्षा करने के लिए बुलाया था। राम ने वहाँ अपने अद्भुत वीरता से राक्षसों का नाश किया और महर्षि की यज्ञ क्रिया को सफल बनाया। इस घटना से राम की वीरता और शक्ति का परिचय हुआ।
राम का बचपन आदर्श था। वे हमेशा सत्य बोलते थे, और उनका जीवन हमेशा कर्तव्य और धर्म के अनुसार चलता था। उनके इस आदर्श जीवन ने उनके बाद आने वाली पीढ़ियों को भी एक सही मार्ग दिखाया।
राम का जन्म त्रेतायुग में हुआ, जब राक्षसों का आतंक बढ़ गया था, और भगवान विष्णु ने धरती पर आकर राक्षसों का संहार करने के लिए राम के रूप में अवतार लिया।