Sacche Pyar ki Kahani
कहानी की शरुआत:-
एक छोटे से गाँव में राधा नाम की एक लड़की रहती थी वह बहुत ही ज्यादा मेहनती थी राधा सोचती थी कि उसकी जिंदगी में भी कोई आए और उसे समझे लेकिन वह अपने गाँव की सादगी और छोटे जीवन में खुश रहती थी
वहीं दूसरे गांव में राजू नाम का एक लड़का रहता था राजू पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा तेज था राजू का दिल बहुत बड़ा था लेकिन उसे ऐसा कोई नहीं मिला था जो उसे पूरी तरह समझ सके उसकी भी एक ख्वाहिश थी जिसे वह कभी किसी से नहीं कह सका था किसी को अपना दिल देना
एक दिन गांव में बहुत बड़ा मेला लगा हुआ था जिसे देखने के लिए राधा अपने दोस्तों के साथ और राजू अपने दोस्तों के साथ मेला देखने आया हुआ था राजू की मुलाकात वहीं हुई थी जहां राधा एक झूला झूल रही थी और राजू पास से गुजर रहा था राधा की हंसी ने राजू का दिल छू लिया उसकी मासूमियत और चंचलता में कुछ ऐसा था जो राजू को बहुत अच्छा लगा
राजू ने धीरे धीरे राधा से दोस्ती करना शुरू किया वह उसे खेतों में काम करने में मदद करता और वे अक्सर एक-दूसरे से बात करते दिन-ब-दिन उनका प्यार बढ़ता गया दोनों एक दूसरे की खामोशी को समझने लगे राधा को राजू में ऐसा साथी मिला जिसे उसकी चिंता थी और राजू को राधा में एक सच्चे दिल वाली लड़की
एक दिन राजू ने राधा को अपने दिल की बात बताने का सोच और वह राधा के पास गया और शरमाते हुए नीचे सर झुकाए हुए उसने राधा से कहा कि मैं तुमसे प्यार करता हूं
राधा थोड़ा सोच में पड़ गई फिर राधा के मन में यही भावना थी कि राजू मुझे यह कहे और तभी राधा ने भी हां कर दी जिससे इनकी दोस्ती और गहरी हो गई और वह एक दूसरे से प्यार करने लगे
राधा और राजू इन दोनों का प्यार सच्चा था इसलिए उन्हें यह प्यार आसानी से मिल गया सच्चा प्यार कभी हालात और लोगों को देखकर नहीं होता है वह दिल से होता है
फिर राधा और राजू का प्यार हमेशा के लिए एक मिसाल बन गया क्योंकि उनके दिलों में सिर्फ एक ही चीज थी सच्चा प्यार
निष्कर्ष:- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चा प्यार करने वाले कभी भी जिंदगी मैं कभी अकेली नहीं रहते उन्हें कोई ना कोई सच्चा प्यार करने वाला मिल ही जाता है